• सरयूपारीण ब्राह्मण सभा
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श्री विजय शंकर पाण्डेय

श्री विजय शंकर पाण्डेय
उपाध्यक्ष

श्री मित्रेश दुबे

श्री मित्रेश दुबे
उपाध्यक्ष

श्री कल्याण प्रसाद पाण्डेय

श्री कल्याण प्रसाद पाण्डेय
उपाध्यक्ष

श्री राजेश त्रिपाठी

श्री राजेश त्रिपाठी
सह सचिव

श्री सुरेन्द्र तिवारी

श्री सुरेन्द्र तिवारी
उपसचिव

श्री डी.एस परोहा

श्री डी.एस परोहा
कार्यकारिणी सदस्य

श्री जी. पी तिवारी

श्री जी. पी तिवारी
कार्यकारिणी सदस्य

श्री आर.एल दिवेदी

श्री आर.एल दिवेदी
कार्यकारिणी सदस्य

श्री प्रमोद शर्मा

श्री प्रमोद शर्मा
कार्यकारिणी सदस्य

श्री संजय तिवारी

श्री संजय तिवारी
कार्यकारिणी सदस्य

श्री बिमलेंद्र तिवारी

श्री बिमलेंद्र तिवारी
कार्यकारिणी सदस्य

श्री सैलेश शर्मा

श्री सैलेश शर्मा
कार्यकारिणी सदस्य

श्री राजेश मिश्रा

श्री राजेश मिश्रा
कार्यकारिणी सदस्य

श्री शैलेन्द्र उपाध्याय

श्री शैलेन्द्र उपाध्याय
कार्यकारिणी सदस्य

श्री देवेन्द्र मिश्रा

श्री देवेन्द्र मिश्रा
कार्यकारिणी सदस्य

श्री विनोद पांडेय

श्री विनोद पांडेय
कार्यकारिणी सदस्य

श्री दीपक पांडेय

श्री दीपक पांडेय
कार्यकारिणी सदस्य

श्री नवीन दुबे

श्री नवीन दुबे
कार्यकारिणी सदस्य




सरयूपारीण ब्राम्हण सभा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना पंडित रविशंकर दुबे जी (भगीरथी मन्दिर नयापारा रायपुर) के नेतृत्व में 26 जुलाई 1981को हुई। 27 मार्च1984 सरयूपारिणब्राम्हण सभा का पंजीयन,(क्रमांक 13579)रजिस्टार फर्म एंड सोसायटी कार्यालय भोपाल मध्यप्रदेश में हुआ।
यह एक प्रादेशिक संगठन है,जिस का कार्य छेत्र पूर्व में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश था,परंतु छत्तीसगढ़ बनने के बाद अब कार्य छेत्र सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ हो गया है। इसका पंजीकृत कार्यालय पहले भागीरथी मन्दिर नयापारा रायपुर था,जो 1991 में समाज भवन के निर्माण के बाद संजय नगर रिंग रोड नम्बर 1रायपुर में स्थानांतरित हुआ।
वर्तमान भवन (नजूल शासकीय भूमि पर निर्मित) कब्जेदार श्री सोहन लाल शुक्ला जी ने इसका कब्जा अपनी स्वेच्छा से समाज को दिया था। बाद में उनके सुपुत्र को जमीन के एवज में समाज द्वारा एक लाख रुपये की मदद की थी। वर्तमान में भूमि शासन के द्वारा सभा को आबंटित की जा चुकी है ।

यहाँ कुलपुरुष सन्त शिरोमणि विश्वप्रसिद्ध धर्मग्रंथ श्री रामचरितमानस जी के रचियता आचार्य तुलसीदास जी का (प्रदेश का एकमात्र) मंदिर स्थापित है।
सरयूपारिण ब्राम्हण सभा के भौतिक विकास में सभी वरिष्ठजनो ने अपने अपने कार्यकाल में यथा संभव प्रयास किया। फलस्वरूप आज समाज के पास अपना खुद का भवन है,जहाँ पर अध्यात्म एवं धर्म से जुड़े विभिन्न आयोजन समय समय पर होते रहते हैं। सरयूपारीण ब्राह्मण सभा के विकास में समाज के सभी सम्मानित दानदाताओं द्वारा यथा संभव सहयोग समय समय पर दिया गया है,और ये क्रम निरंतर जारी है। सभा यह मानती है कि सरयूपारीण परिवार में जन्मा हर व्यक्ति इस सभा का सदस्य है एवम सरयूपारीण सभा के नियमो के तहत प्राप्त सभी सुविधाओं का अधिकारी है।


पूर्व अध्यक्ष



पूर्व संरक्षक सदस्य