सरयूपारीण परिवार में जन्मा हर व्यक्ति इस सभा का सदस्य है एवम सरयूपारीण सभा के नियमो के तहत प्राप्त सभी सुविधाओं का अधिकारी है।
समाज में एकता निर्माण करना ।
समाज में प्रचलित कुरीतियाँ जो दहेज प्रथा, इत्यादि समाप्त करना ।
पारस्परिक सहयोग द्वारा समाज का उत्थान करना और राष्ट्रीय भावनाओं में वृद्धि करना ।
सरयूपारीण ब्राम्हण समाज में नैतिक, मानसिक शारीरिक, सांस्कृतिक, शैक्षणीक एवं वार्षिक उन्नति हेतु कार्य करना एवं समाज से गरीबी मिटाना ।
समाज की अमूल्य सेवाओं के लिए समाज के सदस्यों को मत करना ।
समाज के विवाह योग्य लड़के लड़कियों से सूचनाएं एका करना तथा सामूहिक विवाह और यथोपति का आयोजन करना ।
सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के नियन और विपत्ति गुरा व्यक्ति या परिवार की सहायता करना ।
समाज के बालक बालिकाओं के लिए शिक्षा संस्थार एवं छात्रावास की व्यवस्था करना तथा समाज के कल्याण के लिए जीवालय, पुस्तकालय, वाचनालय बादि की स्थापना करना और उन्हें सुचारू रूप से संचारित करना ।
सामाजिक सस्कार तथा विवाह तथा यज्ञोपि बाद में लगने वाली सामग्री, बर्तन का सामान तथा बरात निवास गृह वादि की व्यवस्था सस्यू- पारीण परिवारों के लिए करना और उसकी हर संभव सहायता करना |
सरयूपारीण समाज के होनहार व योग्य छात्र- छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था करना ।
समाज के विकलांग व्यक्तियों की सहायता करना ।
समाज लोगों के बौद्धिक स्तर को उपर उठाने तथा उनमें सामाजिक चेतना जगाने तथा समाज की समस्या के समाधान और सभा की कार्यवाहिय को बताने के लिए समाचार पत्र पत्रिकाए निकालना मुद्रित करना और प्रकाशित करना ।
समाज में जागृति लाने, नैतिक वस्कृतिक उन्नति के लिए सांस्कृतिक एवं सामाजिक सम्मेलन करना ।
सरयूपारीण ब्राम्हण समाज की समांगीण उन्नति एवं राष्ट्रीय रथता की दृष्टि से कार्य करना ।